tag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post6733221344020867700..comments2023-09-13T19:31:45.803+05:30Comments on साहित्य हिन्दुस्तानी: गजल ; मंज़र लखनवीalka mishrahttp://www.blogger.com/profile/01380768461514952856noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-78349542208666453482009-06-21T14:41:53.803+05:302009-06-21T14:41:53.803+05:30मंजर साहब,बहुत अच्छा लगा....
एक नई शुरुआत की है-स...मंजर साहब,बहुत अच्छा लगा....<br />एक नई शुरुआत की है-समकालीन ग़ज़ल पत्रिका और बनारस के कवि/शायर के रूप में...जरूर देखें..आप के विचारों का इन्तज़ार रहेगा....प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-71855202392799628272009-06-20T02:05:50.499+05:302009-06-20T02:05:50.499+05:30मज़र साहब
बहुत खूब लिखते है आप.
धूप में रह के मैंने...मज़र साहब<br />बहुत खूब लिखते है आप.<br />धूप में रह के मैंने गज़लों को <br />फिक्र के सायबान में रखा।..<br />क्या बात है, तमाम शेर लाज़वाब्अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-26894722834246637962009-06-19T22:53:32.917+05:302009-06-19T22:53:32.917+05:30तबसरा जब किसी पे मैंने किया ,
आईना दरमियान में रखा...तबसरा जब किसी पे मैंने किया ,<br />आईना दरमियान में रखा .<br />बह्ुत खूबसूरत गज़्ल के लिये बधाइ लजवाब गज़ल्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-20674381729345561622009-06-19T20:06:03.770+05:302009-06-19T20:06:03.770+05:30waah kya likha hai...mazaa aa gaya
मेरी कलम - मेर...waah kya likha hai...mazaa aa gaya<br /><br /><a href="http://meraapnajahaan.blogspot.com/2009/06/blog-post_14.html" rel="nofollow">मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति </a>अनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-51311371937766499792009-06-19T03:09:10.760+05:302009-06-19T03:09:10.760+05:30वाह मंजर साहब वाह
वल्लाह
इन शेरों की सादगी पर...वाह मंजर साहब वाह <br /> वल्लाह <br /> इन शेरों की सादगी पर दिल कुर्बान हुआ <br /><br />चाशनी को जबान में रखा <br />इत्र ही इत्रदान में रखा।<br /><br />धूप में रह के मैंने गज़लों को <br />फिक्र के सायबान में रखा।गर्दूं-गाफिलhttps://www.blogger.com/profile/18099843303913951602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-58206840085686771872009-06-18T20:31:44.918+05:302009-06-18T20:31:44.918+05:30मंजर जी की ग़ज़ल बहुत ही मन के लगी .
खास कर यह शे...मंजर जी की ग़ज़ल बहुत ही मन के लगी .<br /><br />खास कर यह शेर .....<br /><br />तबसरा जब किसी पे मैंने किया ,<br />आईना दरमियान में रखा .<br /><br />कितनी बड़ी इंसानी सोच है !<br /><br />बधाई हो !RAJ SINHhttps://www.blogger.com/profile/01159692936125427653noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-59386280572709866182009-06-18T18:21:29.312+05:302009-06-18T18:21:29.312+05:30बहुत अच्छा लगा पढ़कर
आकर, विचर कर।बहुत अच्छा लगा पढ़कर<br />आकर, विचर कर।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4756193689393563669.post-78298059158635590642009-06-18T18:17:52.880+05:302009-06-18T18:17:52.880+05:30मंज़र लखनवी जी।
गज़ल बहुत उम्दा है।
पढ़कर अच्छा लग...मंज़र लखनवी जी।<br />गज़ल बहुत उम्दा है।<br />पढ़कर अच्छा लगा।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.com