शनिवार, 14 मार्च 2009

गीत ;सर्वत जमाल , बस्ती ,[उ. प्र ]

सफेद बालों पर
उदास गालों पर
चमक दमक जागी।
दिशा अंधेरे की
लगन सवेरे की
सफर खुलेपन का
बयार घेरे थी
महानता कैसी
उठापटक जागी।
सफ़ेद ----------॥
विचार की बातें
बहार की बातें
गली -गली चर्चा
सुधार की बातें
जिधर किरन फूटी
नई सनक जागी ।
सफ़ेद -----------॥
अजीब ठहरे दिन
अवाक् बहरे दिन
जनक दुलारी के
गए सुनहरे दिन
नयन -नयन सपने
पलक पलक जागी ।
सफ़ेद ------------॥

ग़ज़ल ;एहसास मगहरी , गोरखपुर [उ. प्र]

मेरे दिल में अब वो समाने लगे है

मोहब्बत की दुनिया बसाने लगे हैं।

वो जब सामने मुस्कुराने लगे हैं

मेरे दिल पे बिजली गिराने लगे हैं।

ख्यालों में हरदम वो आने लगे हैं

मेरे दिल की दुनिया सजाने लगे हैं।

करीब उनके पहुंचे मोहब्बत में लेकिन

सफर में वहां तक जमाने लगे हैं।

हैं बेदर्द कितने जमाने के इन्सां

जो शमऐ मोहब्बत बुझाने लगे हैं।

मोहब्बत हुई है मुझे जब से उनसे

मुझे हर घडी वो सताने लगे हैं ।

मोहब्बत की तकमील काम आ गई है

की वो ख्वाब में आने जाने लगे हैं।

मिले हैं कभी जब सरे राह में वो

निगाहें वो मुझसे चुराने लगे हैं।

रकीबों में होती है एहसास चर्चा

ग़ज़ल तेरी दुश्मन भी गाने लगे हैं।

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