मंगलवार, 10 मार्च 2009

ग़ज़ल- के के वैश्य "कृष्ण"

जो भी अक्सर प्रयास करता है
परीक्षा वह ही पास करता है।
जिसमें जुट जाने की तमन्ना होती,
वह ही जीने की आस करता है।
चिन्तन करने की जो लग्न रखते ,
व्यक्ति ऐसा ही खास करता है।
अभी गिरा है तो कल दौडेगा ,
दिल को कहे उदास करता है।
कुछ भी होता है नहीं असंभव यहाँ ,
श्रम में जो विश्वास करता है।
कर्म करने की प्यास जो रखे,
वह ही खाली गिलास करता है।

गीत ; दुर्दिन में ---

दुर्दिन में यह नियति निगोडी ,जाने कहाँ चली जाती है
दो पाटों के बीच जिन्दगी ,अक्सर मित्र छली जाती है।
त्रिविध ताप को लिए हुए मन ;
पल-पल सौ -सौ रूप बदलता ।
आदि-अंत के संघर्षण में;
कभी फिसलता , कभी संभलता।
जाने-अनजाने कर जाता;
कितने ही वह कर्म निरर्थक।
सौ-सौ रूप बदलती तृष्णा - अंतर्ज्योति छली जाती है
दुर्दिन में -------------------------------------।
संबंधों के नियम निराले ;
कभी अंधेरे कभी उजाले।
व्यर्थ न कर आंखों के मोती;
अश्रु कणों के बोझ उठा ले ।
टूटे ख्वाब कहाँ जुड़ पाते ;
रातें कितनी सोनमदी हों।
सहज वेदनाओं की डोली ,अक्सर इसी गली आती है
दुर्दिन में -----------------------------------।
पाषारों के पंख निकलते;
और फिसलते पांव धूप के।
नागफनी की दाल चिरैया -
बुनती सपने रंग -रूप के।
दूर कहीं विश्वास अकेला,
पावों के छाले सहलाते।
मर्यादाएं रूप बदलतीं , तिल-तिल शाम !ढली जाती है
दुर्दिन में ------------------------------------
संकटा प्रसाद श्रीवास्तवा "बन्धुश्री "

गीत-२

  1. सम्मोहन के बदले अब लाचारी है
  2. आंखों में जाने कैसी बीमारी है ।
  3. अख़बारों में निविदा का विज्ञापन है
  4. आवंटन क्रम में थोड़ा परिवर्तन है।
  5. भाषा का मनुहार किसी खलनायक से
  6. क्या होता है स्वाति पूछो चातक से
  7. मण्डी की परिभाषा जबसे बदल गयी
  8. व्यापारी भी दीख रहे हैं ग्राहक से
  9. ठहरी हुई नदी के जल में कम्पन है
  10. आवंटन --------------!
  11. दस्तूरी दावत के खेल निराले थे
  12. अभिनंदन-स्वागत के खेल निराले थे
  13. ऊँच-नीच सब नारायण की इच्छा पर
  14. अनुमानित लागत के खेल निराले थे
  15. आज सभी की परछाई में कम्पन है
  16. आवंटन ------------!!
  17. तुमने सुना - सुनाया होगा बंटवारा
  18. हमने तो छूकर देखा hai अंगारा
  19. अफवाहों की जकडन में सारी दुनिया
  20. अब किस-किस को राह दिखाए ध्रुवतारा
  21. नव -युग में पाशार - काल का दर्शन है
  22. आवंटन ----------------!!!

सर्वत जमाल

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