मंगलवार, 10 मार्च 2009

गीत-२

  1. सम्मोहन के बदले अब लाचारी है
  2. आंखों में जाने कैसी बीमारी है ।
  3. अख़बारों में निविदा का विज्ञापन है
  4. आवंटन क्रम में थोड़ा परिवर्तन है।
  5. भाषा का मनुहार किसी खलनायक से
  6. क्या होता है स्वाति पूछो चातक से
  7. मण्डी की परिभाषा जबसे बदल गयी
  8. व्यापारी भी दीख रहे हैं ग्राहक से
  9. ठहरी हुई नदी के जल में कम्पन है
  10. आवंटन --------------!
  11. दस्तूरी दावत के खेल निराले थे
  12. अभिनंदन-स्वागत के खेल निराले थे
  13. ऊँच-नीच सब नारायण की इच्छा पर
  14. अनुमानित लागत के खेल निराले थे
  15. आज सभी की परछाई में कम्पन है
  16. आवंटन ------------!!
  17. तुमने सुना - सुनाया होगा बंटवारा
  18. हमने तो छूकर देखा hai अंगारा
  19. अफवाहों की जकडन में सारी दुनिया
  20. अब किस-किस को राह दिखाए ध्रुवतारा
  21. नव -युग में पाशार - काल का दर्शन है
  22. आवंटन ----------------!!!

सर्वत जमाल

कोई टिप्पणी नहीं:

Blog Widget by LinkWithin