राजा की मर्जी से आज मुनादी है
भूखे-नंगों का जश्ने-आजादी है।
आख़िर कुछ गूंगे लोगों ने मिलजुल कर
बहरों के दर पर आवाज उठा दी है।
हैं बदशक्ल स्वयंवर के सब भागीदार
किसको चुने ? बहुत बेबस शहजादी है।
इक-इक मण्डी है सब राजधानियों में
महँगी बिकती जिसमें उजली खादी है।
है जवाबदेही किसकी इन प्रश्नों की
यार सदन में प्रश्न यही बुनियादी है।
शनि राहु युति के परिणाम
2 दिन पहले