गीत बिना सूना है साज
बोलो क्या है इसका राज।
दुनिया तक क्यों पहुंची बात
जब तू था मेरा हमराज।
जिसका हो अंजाम बुरा
कौन करे उसका आगाज़।
हर मोमिन का फ़र्ज़ यही है
पाँच वक्त की पढ़े नमाज़।
इश्क ने चलकर राहे वफा में
हुस्न को बख्शा है एजाज़।
उनकी बज्म में लेकर पहुँची
मुझको तखैयुल की परवाज़।
अपनी ग़ज़ल में लाओ मयंक
मीरो-गालिब के अंदाज़।
शनि राहु युति के परिणाम
1 हफ़्ते पहले
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें